विधुत धारा 𝕊𝕔𝕚𝕄𝕚𝕤𝕥
विद्युत धारा
Table of Contents :
- 1. आवेश क्या है ?
- 2. आवेश का मात्रक क्या है ?
- 3. विद्युत धारा किसे कहते है ?
- 4. विद्युत धारा का सूत्र -
- 5.. विद्युत धारा का मात्रक –
- 6. विद्युत धारा की विमा –
- 7. विद्युत धारा की दिशा
- 8. विद्युत धारा के प्रकार –
- 1. डायरेक्ट करट (Direct Current)
- 2. आल्टरनेटिंग करंट
- 9. एम्पियर की परिभाषा क्या है ?
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1. आवेश:-
किसी पदार्थ का अभिलाक्षिण गुण है। इस q/Q से व्यक्त करते है।
>>> आवेश की खोज बेंजामिन फ्रैंकलीन ने की।
2. आवेश का मात्रक :-
आवेश का SI मात्रक कुलाम (C) है।
एक कूलाम आवेश में 6.25 x 10 की घात 18 इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं !
a. आवेश का सुत्र -
Q/q = ne
जहाँ n= इलेक्ट्रॉन की संख्या
e= इलेक्ट्रॉन का आवेश
1e = 6 x 10 की घात - 19
b. आवेश के प्रकार :-
1. धनात्मक आवेश
2. ऋणात्मक आवेश
3. विधुत धारा :-
आवेश प्रवाह की दर को विधुत धारा कहते है।
अथवा
किसी भी चालक या सर्किट में आवेश (Charge) के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं।
विद्युत धारा को I से दर्शाते है |
विस्तार रुप:-
अधिकांश धातुओं के परमाणुओं की अन्तिम कक्षा में केवल एक-दो इलेक्ट्रॉन्स ही होते हैं और नाभिक से दूर होने के कारण इनमें नाभिक के प्रति आकर्षण बल का मान काफी कम होता है।
अतः ऐसे तत्वों के परमाणुओं में से कुछ बल लगाकर जैसे- विद्युत वाहक बल लगाकर इलैक्ट्रॉन्स को गतिमान किया जा सकता है।
ऐसे इलेक्ट्रॉन्स(मुक्तइलेक्ट्रॉन्स) एक परमाणु से दूसरे परमाणु में होते हुए उस तत्व के टुकड़े के आरपार प्रवाहित किए सकते हैं। इस प्रकार किसी तत्व का पदार्थ में से इलैक्ट्रॉन्स का प्रवाह विद्युत धारा कहलाता है।
4. विद्युत धारा का सूत्र –
यदि किसी चालक की किसी भी अनुप्रस्थ काट से समय t में नेट आवेश q/Q होता है तब उस अनुप्रस्थ काट से प्रभावित विद्युत धारा आई को इस प्रकार व्यक्त करते हैं-
विद्युत धारा = आवेश/समय
या
I= Q/T
I= lt
5.विद्युत धारा का मात्रक –
S.I पद्धति में विद्युत धारा का मात्रक एम्पियर(Ampere) है। इसका चिन्ह I है।
>>>इस मात्रक का नाम मेरी एंपियर नाम के फ्रांसीसी वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया !
>>>इसको एंपियर मीटर या एमीटर से नापी जाती है।
>>>धारा का मात्रक = कुलाम /समय = cs¹
>>>विद्युत धारा के अल्प परिमाण के लिए मात्रक मिली एंपियर तथा माइक्रो एंपियर में व्यक्त किया जाता है !
6.विद्युत धारा की विमा –
धारा की विमा =
ⵎ M° L° I¹ ⊐
अथवा
ⵎ M° L° C ¹S ⁻¹コ
7. विद्युत धारा की दिशा:-
परिपाटी के अनुसार किसी विद्युत परिपथ में इलेक्ट्रॉन जो ऋण आवेश हैं के प्रवाह की दिशा के विपरीत दिशा को विद्युत धारा की दिशा माना जाता है !
अथवा
धनायन के प्रवाह की दिशा को विद्युत धारा की दिशा मानी जाती हैं अर्थात जिस दिशा में धनायन का प्रवाह होगा उसी दिशा को विद्युत धारा की दिशा मानी गई है ¡
8. विद्युत धारा के प्रकार:-
विद्युत धारा दो प्रकार की होती हैं-
a. दिष्ट धारा
b. प्रत्यावर्ती धारा
a. दिष्ट धारा:-
ऐसी धारा जो समय के साथ अपनी अपनी दिशा में परिवर्तन नहीं करती हैं दिष्ट धारा कहलाती है !
>>>दिष्ट धारा हमेशा एक ही दिशा में प्रवाहित होती !
ग्राफ:-
b. प्रत्यावर्ती धारा:-
ऐसी धारा जिस की दिशा समय के साथ परिवर्तित होती रहती है प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है
अर्थात
>>>प्रत्यावर्ती धारा की दिशा समय के साथ बदलती रहती है
ग्राफ:-
9. 1 एंपियर:-
a.परिभाषा:-
"1 एम्पियर उस विद्युत धारा के बराबर होती है जो किसी चालक के परिच्छेद में प्रति सेकेंड 1 कूलॉम आवेश प्रवाहित करने पर उत्पन्न होती है"
चूंकि हम जानते हैं कि 1 कूलॉम आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 6.25 × 10¹⁸ होती है।
अतः इस आधार पर एंपियर की परिभाषा कुछ इस प्रकार होगी -
अथवा
"1 एंपियर धारा उस विद्युत धारा के बराबर होती है जो किसी चालक के परिच्छेद से 6.25 × 10¹⁸ इलेक्ट्रॉन प्रति सेकेंड गुजरने पर उत्पन्न होती है"
इसके अलावा परीक्षा में एंपियर की मानक परिभाषा भी पूछ ली जाती है जिसको याद रखना और समझना अति आवश्यक है
b. एम्पियर का प्रतीक:-
एम्पियर को अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर A द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
C. एम्पियर का सूत्र:-
1 एम्पियर =1 कूलॉम / 1सेकेण्ड
1 A = 1C /1 s
Thought :-
" ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ!!"
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