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अपवर्तनांक,माध्यम के अपवर्तनांक ,



                अपवर्तनांक       

Content :-

A.  अपवर्तनांक

  a. निरपेक्ष अपवर्तनांक 

B. माध्यम के अपवर्तनांक 

C.  माध्यम के अपवर्तनांक को प्रभावित करने वाले कारक 

D. सम्बन्ध 

E. table of elements 

F.  यह भी जानिए ( extra knowledge) 

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A. अपवर्तनांक :-

                                                • अपवर्तनांक को एक महत्वपूर्ण भौतिक राशि, विभिन्न माध्यमों में प्रकाश के संचरण की आपेक्षिक चाल, से संबद्ध किया जा सकता है। 

यह देखा गया है कि विभिन्न माध्यमों में प्रकाश अलग-अलग चालों से संचरित होता है।

          निर्वात में प्रकाश 3x10° मीटर/सेकण्ड की चाल से चलता है जो कि प्रकाश की किसी भी माध्यम में हो सकने वाली अधिकतम चाल है। 

वायु में प्रकाश की चाल निर्वात अपेक्षा थोड़ी ही कम होती है। काँच या पानी में यह यथेष्ट रूप से घट जाती है। दो माध्यमों के युग्म के लिए अपवर्तनांक का मान माध्यमों में प्रकाश की चाल पर निर्भर है, जैसा कि नीचे बताया गया है


चित्रानुसार प्रकाश की एक किरण माध्यम 1 से माध्यम 2 में प्रवेश कर रही है।


माध्यम 1 (वायु)



माध्यम 2 (कांच)


मान लीजिए, प्रकाश की चाल माध्यम 1 में V1 तथा माध्यम 2 में V2 है। माध्यम 2 का 1 माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक, माध्यम 1 में प्रकाश को चाल तथा माध्यम 2 में प्रकाश को चाल के अनुपात द्वारा व्यक्त करते हैं। इसे प्रायः संकेत   n21  से निरूपित करते हैं। 


      n21= माध्यम 1 में प्रकाश की चाल (V1) /माध्यम .                 में प्रकाश की चाल (V2)


इसी प्रकार माध्यम 1 का माध्यम 2 सापेक्ष अपवर्तनाक n12से निरूपित करते हैं।



      n12 = माध्यम 2 में प्रकाश की चाल (V2)                                 / माध्यम 1 में प्रकाश की चाल (V1)


a. निरपेक्ष अपवर्तनांक :-

यदि माध्यम 1 निर्वात या वायु है, तब माध्यम 2 का अपवर्तनांक निर्वात के सापेक्ष माना जाता है। यह माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक कहलाता है।  

 यह केवल n  से निरूपित किया जाता है। यदि वायु में प्रकाश की चाल c  है तथा माध्यम में प्रकाश की चाल v है तब माध्यम का   nmअपवर्तनांक होगा।


     

nm = वायु में प्रकाश की चाल (c) /माध्यम में प्रकाश को              चाल (V)


नोट- माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक केवल अपवर्तनांक कहलाता है।


+ अपवर्तनांक का कोई मात्रक नहीं होता है।


  B.  माध्यम के अपवर्तनांक :-

                                                 जब प्रकाश की किरण तिरछी गमन करती हुई एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती है तो यह दूसरे माध्यम में अपनी दिशा परिवर्तित कर लेती है। किन्हीं दिए हुए माध्यमों के युग्म लिए होने वाले दिशा परिवर्तन के इस विस्तार को प्रदर्शित करने वाली भौतिक राशि अपवर्तनांक कहलाती है।

C. माध्यम के अपवर्तनांक को प्रभावित करने वाले कारक:-


(i) माध्यम की प्रकृति

(ii) माध्यम का घनत्व

(iii) ताप पर

(iv) प्रकाश का रंग (तरंगदैर्ध्य)- बैंगनी रंग के प्रकाश के लिए अपवर्तनांक सबसे अधिक तथा लाल रंग के प्रकाश के लिए
अपवर्तनांक सबसे कम होता है।

D. सम्बन्ध :-


>>>यदि प्रकाश का वायु में वेग V, काँच में वेग Vg तथा वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक nag . है तो इन तीनों में व्याप्त सम्बन्ध -


         nga  = Va / Vg


E.  table of elements :-




** Note :-1.


              जल का अपवर्तनांक, n,=1.33 है। इसका अर्थ है कि वायु में प्रकाश का वेग तथा जल में प्रकाश के वेग का अनुपात 1.33 है।

 ** Note:-2.

>>>यह आवश्यक नहीं कि प्रकाशिक सघन माध्यम का द्रव्यमान घनत्व भी अधिक हो। उदाहरण के लिए, किरोसिन जिसका अपवर्तनांक  जल से अधिक है, जल की अपेक्षा प्रकाशिक सघन है, यद्यपि इसका द्रव्यमान घनत्व  जल से कम है।

**यह भी जानिए: -


                         किसी माध्यम की प्रकाश को अपवर्तित करने की क्षमता को इसके प्रकाशिक घनत्व के द्वारा भी व्यक्त किया जा सकता है। प्रकाशिक घनत्व का एक निश्चित संपृक्तार्थ (connotation) होता है। यह द्रव्यमान घनत्व के समान नहीं है।

 'विरल माध्यम' तथा 'सघन माध्यम  वास्तव में इनका अर्थ क्रमशः 'प्रकाशिक विरल माध्यम' तथा 'प्रकाशिक सघन माध्यम' है। हम कब कह सकते हैं कि कोई माध्यम दूसरे माध्यम की अपेक्षा प्रकाशिक सघन है? दो माध्यमों की तुलना करते समय, अधिक अपवर्तनांक वाला माध्यम दूसरे की अपेक्षा प्रकाशिक सघन है।

दूसरा कम अपवर्तनांक वाला माध्यम प्रकाशिक विरल माध्यम है। 
विरल माध्यम में प्रकाश की चाल सघन माध्यम की अपेक्षा अधिक होती है। अतः विरल माध्यम से सघन माध्यम में गमन करने वाली प्रकाश की किरण धीमी हो जाती है तथा अभिलंब की ओर झुक जाती है। जब ये सघन माध्यम से विरल माध्यम में गमन करती है तो इसकी चाल बढ़ जाती है तथा यह अभिलंब से दूर हट जाती है।

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https://scimist.blogspot.com/2022/01/blog-post_24.html



  

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