हाइड्राकार्बन
Introduction :-
A. हाइड्रोकार्बन :-
वे यौगिक जो केवल C तथा H परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं, हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। इनका मुख्य स्रोत भूतैल है। प्राकृतिक गैस में भी केवल हाइड्रोकार्बन पाए जाते हैं।
• हाइड्रोकार्बन निम्न दो प्रकार के होते हैं-
2. संवृत श्रृंखला हाइड्रोकार्बन या चक्रीय हाइड्रोकार्बन या वलयी हाइड्रोकार्बन
1. विवृत्त श्रृंखला हाइड्रोकार्बन या अचक्रीय हाइड्रोकार्बन या ऐलिफैटिक हाइड्रोकार्बन-
वे हाइड्रोकार्बन जिनमें कार्बन श्रृंखला का प्रारम्भिक और अन्तिम कार्बन परस्पर जुड़ा हुआ नहीं हो, विवृत्त श्रृंखला हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
ये निम्न दो प्रकार के होते हैं-
(i) संतृप्त हाइड्रोकार्बन
(ii) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन
(i) संतृप्त हाइड्रोकार्बन-
वे हाइड्रोकार्बन जिनके संरचनात्मक सूत्र में कार्बन-कार्बन के मध्य केवल एकल आवन्ध उपस्थित होते हैं, संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। इन्हें एल्केन भी कहा जाता है।
एल्केन की पहचान करने का तरीका-
एल्केन में हाइड्रोजन परमाणु की संख्या, कार्बन परमाणु की संख्या के दुगुने से 2 ज्यादा होती है। उदाहरण CH4, C2H6 आदि।
(ii) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन-
वे हाइड्रोकार्बन जिनके संरचनात्मक सूत्र में कार्बन-कार्बन के मध्य कम से कम एक द्वि-आबन्ध या त्रि-आबन्ध उपस्थित होता है, असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
ये निम्न दो प्रकार के होते हैं-
(A) एल्कीन
(B) एल्काइन
(A) एल्कीन-
वे अंसतृप्त हाइड्रोकार्बन जिनमें कार्बन-कार्बन के मध्य केवल एक द्वि-आबन्ध (C=C) तथा शेष एकल आबन्ध (C-C) उपस्थित होते हैं, एल्कीन कहलाते हैं।
एल्कीन की पहचान करने का तरीका-
एल्कीन में हाइड्रोजन परमाणु की संख्या, कार्बन परमाणु की संख्या को दुगुनी होती है। उदाहरण- CH2=CH2 , CH3 – CH=CH2 आदि ।
(B) एल्काइन-
वे अंसतृप्त हाइड्रोकार्बन जिनमें कार्बन-कार्बन के मध्य केवल एक त्रि-आबन्ध (C = C) तथा शेष एकल आबन्ध (C-C) उपस्थित होते हैं, एल्काइन कहलाते हैं।
एस्काइन की पहचान करने का तरीका-
एल्काइन में हाइड्रोजन परमाणु की संख्या, कार्बन परमाणु की संख्या के दुगुने से 2 कम होती है। उदाहरण- CH☰CH, CH3 - C≡CH आदि ।
नोट- असंतृप्त हाइड्रोकार्बन, संतृप्त हाइड्रोकार्बन की तुलना में अधिक क्रियाशील होते हैं।
2. संवृत श्रृंखला हाइड्रोकार्बन या चक्रीय हाइड्रोकार्बन या वलयी हाइड्रोकार्बन :-
वे यौगिक जिनमें कार्बन शृंखला का प्रारम्भिक और अन्तिम कार्बन परस्पर जुड़ा हुआ हो, संवृत्त शृंखला हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
ये निम्न दो प्रकार के होते हैं
1. ऐलिसाइक्लिक हाइड्रोकार्बन-
वे चक्रीय हाइड्रोकार्बन जिनके गुणधर्म ऐलिफैटिक यौगिकों के समान होते हैं, ऐलिसाइक्लिक हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
ये भी ऐलिफैटिक यौगिकों के समान संतृप्त अथवा असंतृप्त हो सकते हैं। इन्हें जलाने पर ये बिना धुँए की ज्वाला के साथ जलते हैं।
उदाहरण-
2.ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन :-
इन्हें जलाने पर यह काले धन के साथ जलते हैं ।
उदाहरण -
0 Comments
Thank you for joining. We Will contact you soon