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Black hole
ब्लैक होल क्या है ( what isblack hole):-
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Black hole new update :-
( By NASA )
लंबे छिपे हुए ब्लैक होल ब्रह्मांडीय विचित्रताओं को प्रकट करते है। आकाशगंगा M87 के केंद्र में ब्लैक होल की एक नई और और भी अधिक विस्तृत छवि ने एक दशक पुराने प्रश्न को शांत कर दिया है: सुपरमैसिव ब्लैक होल, आकाशगंगा-एंकरिंग विसंगतियाँ, पदार्थ और ऊर्जा के हजारों प्रकाश-वर्ष कैसे लॉन्च करते हैं अंतरिक्ष में? M87 छवियों ने ब्लैक होल के चारों ओर एक शक्तिशाली सर्पिल चुंबकीय क्षेत्र का खुलासा किया - जेट निर्माण के 44 वर्षीय मॉडल में एक प्रमुख घटक जिसे ब्लैंडफोर्ड-ज़नाजेक प्रक्रिया कहा जाता है। इस वर्ष शोधकर्ताओं ने एक मध्यम आकार के ब्लैक होल की पहली ठोस खोजों में से एक बनाया , जो सुपरमैसिव एंकर से छोटा लेकिन एक स्टार-आकार के खोल से बड़ा था। एक नई खोज रणनीति से लैस, शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि 55,000-सौर-द्रव्यमान की खोज कई में से पहली होगी।
अब आप के दिमाग मे एक प्रश्न अवश्य होगा कि आखिर ये black hole क्या है?
चलाये इसका उतर जानते हैं -
ब्लैक होल क्या है ( what isblack hole):-
ब्लैक होल स्पेस में वो जगह है जहाँ भौतिक विज्ञान का कोई नियम काम नहीं करता है ।
इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बहुत शक्तिशाली होता है। इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता. प्रकाश भी यहां प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पाता है. यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है।
आइंस्टाइन बता चुके हैं कि किसी भी चीज़ का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है।
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स्टीफ़न हॉकिंग का इवेंट हॉराइज़न:-
इसके बाहरी हिस्से को इवेंट हॉराइज़न कहते हैं । क्वांटम प्रभाव के चलते इससे गर्म कण टूट-टूट कर ब्रह्माण्ड में फैलने लगते हैं।
स्टीफ़न हॉकिंग की खोज के मुताबिक हॉकिंग रेडिएशन के चलते एक दिन ब्लैक होल पूरी तरह द्रव्यमान मुक्त हो कर ग़ायब हो जाता है।
जब आप ब्लैक होल के अंदर पहुंचते हैं, केंद्र तक वो असीम घुमावदार होता है. वहां आकर समय और स्पेस दोनों अपना अर्थ खो देते हैं और भौतिक विज्ञान को कोई नियम काम नहीं करता है।
यहां पहुंचने के बाद क्या होगा, कोई नहीं जानता. क्या कोई दूसरा यूनिवर्स आ जाएगा या फिर आप सब कुछ भूल कर नई दुनिया में पहुंच जाएगे. यह रहस्य अब तक बना हुआ हैगेलेक्टिक मेगास्ट्रक्चर की पहचान की गई ।
आकाशगंगा का अध्ययन करने में एक समस्या यह है कि हम इसके अंदर फंस गए हैं। इससे यह बताना मुश्किल हो जाता है कि रात के आकाश पर एक धब्बा वास्तव में आकाशगंगा के आकार की एक विशाल संरचना है या अपेक्षाकृत करीब से देखा जाने वाला तारे के आकार का धब्बा है।
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